कभी अजनबी सी, कभी जानी पहचानी सी, जिंदगी रोज मिलती है क़तरा-क़तरा...
azadi man mae ho to hee azadi hae azadi mansae ho to hee azadi haejab khonae ka dar na ho toh hee azadi hae jab panae kee zarorat na rahae to hee azadi hae
म्रूग ढूंढता रहा वन वन,खुद ही मे लिये कस्तूरी गंधपह्चानने की मंशा आत्म से परे थीइसीलिए भटकन, मृगतृष्णा ही रही.संयम और साहस का संगम आज़ादी-रेणू.
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azadi man mae ho to hee azadi hae
azadi mansae ho to hee azadi hae
jab khonae ka dar na ho toh hee azadi hae
jab panae kee zarorat na rahae to hee azadi hae
म्रूग ढूंढता रहा वन वन,
खुद ही मे लिये कस्तूरी गंध
पह्चानने की मंशा आत्म से परे थी
इसीलिए भटकन, मृगतृष्णा ही रही.
संयम और साहस का संगम आज़ादी
-रेणू.
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