बांवरा जी ये मन बड़ा बाबर हैं और इस ब्लोग का टाइटल ही कतरा कतरा, ये पद्य हैं ना गद्य जिंदगी हैं और भाषा तो हर कोस पे बदलती हैं। पर हम आपकी इक्छा जल्द ही पुरी करेंगे पद्य कि कुछ ऐसी बंदिस के साथ जो बिल्कुल नयी हो।
yatish what you are writing is good and understandable . If you are trying to groom yourself into a poet in litereal sense then गद्यॅ ओर पद्यॅ are important . in case you want to write to give yourself happiness then गद्यॅ ओर पद्यॅ are meaningless
5 comments:
इसी लिये तो मन को चंचल कहते हैं. बढ़िया है.
अनदेखे को देख्न्ने वाला मन ही सब देख सकता हे
देखे, अन्देखे, के चक्र में आप गद्यॅ ओर पद्यॅ का अन्तर ही भूल गये।
मूला तगङा था पर बात ठीक से कह नहीं पाये।
फिर से यत्न करें।
जै बांवरा
बांवरा जी ये मन बड़ा बाबर हैं और इस ब्लोग का टाइटल ही कतरा कतरा, ये पद्य हैं ना गद्य जिंदगी हैं और भाषा तो हर कोस पे बदलती हैं। पर हम आपकी इक्छा जल्द ही पुरी करेंगे पद्य कि कुछ ऐसी बंदिस के साथ जो बिल्कुल नयी हो।
yatish
what you are writing is good and understandable . If you are trying to groom yourself into a poet in litereal sense then गद्यॅ ओर पद्यॅ are important . in case you want to write to give yourself happiness then गद्यॅ ओर पद्यॅ are meaningless
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