15 July 2007

आंसू

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी
खारे होते हैं,
जब दर्द आंसू बन बहता हैं
दिल को राहत देता हैं,
ये अपने-पराये
किसी के भी दर्द में
बहने लगते हैं,
हमदर्द बनके।

खारे होकर भी
कितना मीठा काम करते हैं ...

2 comments:

Sharma ,Amit said...

सही कहा सर आप ने। अंशु बह कर मीठा कर देते है

Anonymous said...

very well said