उस रेड लाईट से गुज़रता हूँ
जहाँ मैंने कभी उससे कहा था
कि जब तू बड़ा आदमी हो जाएगा
एक बड़ी कार में
यहाँ से निकलेगा,
और मै इस जगह
रोड क्रोस करने के लिए
खड़ा होऊंगा
तो तू अपने ड्राइवर से बोलेगा
सिग्नल तोड़ दे
वो आ रहा हैं,
तुम हस पडे थे।
ये सिग्नल भी
कितने अजीब होते हैं दिल के,
लाख कोशिश करो
टूटते ही नहीं,
बस रंग बदलते रहते हैं...
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2 comments:
बहुत अच्छा लगा पढ़कर! लिखते रहें।
ये सिग्नल भी
कितने अजीब होते हैं दिल के,
लाख कोशिश करो
टूटते ही नहीं,
बस रंग बदलते रहते हैं...
बहुत सुंदर अभिव्यक्ती विचारों की...:)
सुनीता(शानू)
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