दो लड्के बात कर रहे थे
यार में तो इस डिटर्जेन्ट में
कपडे धोता हू,
दूसरा कहता है
अबे इसमें मत धोयाकर,
ये सफेद कपडो के लिये होता है;
रन्गीन के लिये नही.
दूसरी तरफ
दो लड़किया जा रही थी,
कल मेरी मीटिन्ग है
४ बजे,
तुम कब छूटोगी आफिस से,
किसका क्या काम है
अब ये मायने नही रखता.
रखता तो है
कौन क्या कर रहा है.
10 comments:
सही तस्वीर. हम तो खुद ही कल गलत डिटरजेन्ट में धो दिये. :)
Yatish Bhai
Jiska Jo Kaam Hae Woh Woh Hee Kar Rahaa Hae !!!!!! Aur Sahii Samay Mae Kar Rahaa Hae
Don't worry Yatish, the time is not far when boys will do the chores which girls used to do and viceversa. All is flux.
हर कोई अगर इस तरह की तस्वीर से, जो आपने पेश की है… वह सत्य की रुपरेखा है…।
यतिश जी बिल्कुल सही बात एसा ही होता है…आज खुद क्या करना है ये जरूरी नही दूसरा क्या करने वाला है ज्यादा जरूरी बात है…
सुनीता(शानू)
सही पकड़ा है!
बहुत बढिया पकड़ है आप की।
yatish bhai...wah kya observation hai..well done..g
Superb Sir..
आपने अपनी कह दी, हमको समझने के लिये तीन बार पढना पडा. चौथी बार यकीन हो गया कि शायद एक चौथाई समझ गये हैं -- शास्त्री जे सी फिलिप
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
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