26 August 2007

शब्द

ये ज़िंदगी शब्दों के कितनी अधीन है,
सब कुछ शब्द ही तो करते है
बच्चों की तोतली बोली बन
शब्दों ने ही कहा
ये है मेरा पहला रूप,
प्रेम को सबके सामने
शब्द ही लेके आए,


शब्द शबद बने किसी गुरू के
शब्द ही बने गीता
शब्द ही बनी कुरान
बाइबल मे भी शब्द ही बोलते है,

फिर एक साजिश हुयी
कुछ सफ़ेद पोशो की
और बनी शब्दों की
अलग अलग जात
शब्द रंग बदलने लगे
शब्दों से निकली नफ़रत

पर ये नफरत फैलाई किसने,
गीता और कुरान ने नही,
बाईबल ने नही,
कोई गुरू तो ऐसा नही कर सकता
फिर कौन ?

किसके शब्द है जो फैलाते है
ये जिहाद,
जिहाद का मतलब क्या है ,
क्या मासूम-बेगुनाहों को
मारना है जिहाद,
क्या मज़हब है इस शब्द का
क्या माने है इस शब्द के,
है कोई शब्द तो बताओ;
एहसान होगा
भगवन की इस धारा पे
अल्लाह की जमीन पे,
कोई तो बोलो एक शब्द

गर नही है कोई शब्द
तो आओ मिटा दे
शब्दों की दुनिया से
ये शब्द...

7 comments:

Yatish Jain said...

इस रचना का क्रेडिट जाता है रचना जी को
आज मैंने जब उनकी नयी रचना
"शब्द ही ना समझे पर शब्दो को"
http://mypoemsmyemotions.blogspot.com/2007/08/blog-post_8673.html
पढी तो एक कमेन्ट लिखा-

"शब्द शबद बने किसी गुरू के
शब्द ही बने गीता
शब्द ही बनी कुरान
बाइबल मे भी शब्द ही बोलते है,
शब्दो के रूप निराले है "

उन्होंने इस कमेन्ट को पब्लिश नही किया और यह कह लौटा दिया

hi yatish its too beautiful to post it as comment
i have not posted it may be you can post it on your blog as a fresh poem
and in one of the shabd you can put the link of my poem on which you want this as comment
too good beats all the shabd poems i did , remarkable yatish wonderful
how cud you do it and why i did not think it !!!!!!

और बन गयी नयी रचना.

अब मैं क्या कहूँ उनको समझ नही आ रहा,
अभी धन्यवाद से काम चला लेता हूँ.

ghughutibasuti said...

एक अच्छी व सोचने को मजबूर करती कविता । इस शब्द का एक तोड़ जो मैं जानती हूँ वह है प्यार !
घुघूती बासूती

Anonymous said...

so swwet yatish thank you very much . you guys have stated making this internet a real world beautiful and charming and
this is a very very beuatiful poem
i was just playing with शब्द on my blog and i never thought something so nice and beautiful as this शब्द शबद बने किसी गुरू के
शब्द ही बने गीता
शब्द ही बनी कुरान
बाइबल मे भी शब्द ही बोलते है,
शब्दो के रूप निराले है "

could be writen
keep the good work going

Shastri JC Philip said...

यतीश,
गजब की रचना है यह
एवं तारीफे काबिल है वह
जिसने वापस कर दीं
आपकी चार पंक्तियां
संपूर्ण काव्य की रचना के लिये.

-- शास्त्री जे सी फिलिप

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info

Shastri JC Philip said...

"फिर एक साजिश हुयी
कुछ सफ़ेद पोशो की
और बनी शब्दों की
अलग अलग जात
शब्द रंग बदलने लगे
शब्दों से निकलती नफ़रत "

सशक्त अभिव्यक्ति. इस काव्य को इसके पूरकों
http://mypoemsmyemotions.blogspot.com/2007/08/blog-post_8673.html
http://tarangen.blogspot.com/2007/08/blog-post_24.html


के साथ मिला कर पढें -- शास्त्री जे सी फिलिप

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info

Reetesh Gupta said...

अच्छे लगी आपकी शाब्दिक रचना...बधाई

Anonymous said...

Yatish,

Shabdo ke Khel Hain Yeh

Chaaku Ki Maar Ka Jakhm
to Bhar Jaata Hai
Magar "Shabdo Ke Vaano" Ka Jakhm
Kabhi Nahin Bharta

Saara Shabd ka Khel Hai

Kisi ko Naam Japna Hai to
Shabd Ka Sahara Chahiye

Bachche ko Kuch Ma se Kehna Hai to
Shabd ka Sahara Chahiye

Poem Likhni ho to bhi
Shabdon ka Sahara Chahiye

EK SHABD KE KAI MEANINGS BHI

Shabdon Ke Examples:

"Kiss Kiss Ko Kiss Karun
Main Har Miss Ko Miss Karun"

KABHI BACHPAN mein Pada tha
FIRAQ SHAYAR ne Kuch istarah Kaha tha

"Ke O Firaq Vaali Ladki
Tu Yeh Mat Soch Ke Firaq
To Teri Firaq Mein hai
Yeh Firaq to Uski Firaq mein Hai
Jo Teri Firaq mein hai"

Good work. Continue your Shabd(s) everyday with new Poems.