
तो पीछे से श्री कृष्ण की आवाज़ आयी धीरी,
मैंने देखा वो खड़े गाना सुन रहे है
एक ब्लॉग की धुन मे कुछ ढूड रहे है
गाना था तुझसे नाराज़ नही ज़िंदगी मैं
ब्लॉग था उडन तश्तरी.
मुझसे बोले क्या कष्ट है इन्हे बच्चा
ये भक्त है मेरा सच्चा
हर दुखियारे के ब्लॉग पर जाता है
सांत्वना की संजीवनी दे आता है.
मैं बोला
लोग इनके पीछे पड़े है
कुछ नही तो फोटो के पीछे अडे है
वे बोले तुम इनका कष्ट दूर करो
इनकी तस्वीर मैं जरा रंग भरो.
लोग बड़े नादान है
उन्हें जरा भी नही ये ज्ञान है
समीर (पवन) के ये लाल (पुत्र) है
द्वापर के हनुमान है
कलयुग मे
उड़न तश्तरी नाम है।

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12 comments:
sameer bhai
aap kae diwane bahut haen
yatish majaa aa gaya
वाह
समीर लाल उर्फ पवन पुत्र उर्फ हनुमान
बहुत खूब !!!
बहुत खूब!!
जियो यतीश भाई!!
भई वाह.. समीर भाई को आपने ही सही पहचाना..
बहुत सुंदर ...सही कहा है आपने
बोलिये पवन पुत्र हनूमान की जय...
बहुत खूब, तभी हम कहें कि वो एक चिट्ठे से दूसरे चिट्ठे तक कैसे फटाफट उड़ कर जाते हैं। :)
द्वापर के हनुमान!! हा हा!!!
बहुत आभार-इसी बहाने तस्वीर तो गोरी हो गई. :)
अब हनुमान चालीसा कौन लिखेगा?? :)
सभी मित्रों का स्नेह के लिये आभार. बस यूँ ही स्नेह बनाये रखें.
सही है। अब कोई ये न कहे समीरलाल की पूंछ कहां गयी?
@anup shukla
द्वापर sae kalyug tak ka "evolution" hae !!!!!
अनूप जी पूछ हो तो रही है इतनी लम्बी.
समीर जी पूछ और ज्यादा होगी तो पहले मन्दिर बलेगा फिर चालीसा भी बनजायेगा.
छोड़ो पूँछ को देखो पूछ को । समीर जी से कोई पूछ की बाजी जीत सकता है क्या ?
घुघूती बासूती
समीर जी ने कठिन मेहनत के द्वारा यह स्थान हमारे दिलों में पाया है. मैं समीरजी का अभिनन्दन करता हूं -- शास्त
मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!
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