05 June 2007

एंटीवायरस


आज हर नज़र करप्ट हो गयी हैं,
इनमे वायरस आगया हैं,
इससे ना हम बचे हैं ,
ना बचेगी हमारी आने वाली पीड़ी।

काश कि ऐसा होता
कंप्यूटर के एंटी-वायरस की तरह
भगवान भी एक एंटी-नज़र,
फ़िल्टर बनाता
जिसे हम पहन लेते
बुरी नज़रों से बचने के लिए,
जो जितनी दुआ करता
उसे उतनी ही पावर का मिलता ये।

पर सुना हैं कि वायरस भी
वही बनाते हैं जो एंटी-वायरस
बनाते हैं ,
जिससे लोग उन पर विश्वास करें
और वायरस से बचने के लिए
लोग उसे खरीदें।

दुआ के लिए खुदा भी तो कहीं
ये नही कर रहा।

हाय ये क्या हुआ मुझसे,
मैंने उसपे शक किया
मै तो गया काम से ...

3 comments:

Udan Tashtari said...

अब शक किये हो तो काम से तो गये-सबसे बड़का वाला चश्मा भेजा जायेगा आपको. :)

Sharma ,Amit said...

Kabhi Kabhi legta zaroor hai woh upper baiths sab mein virus daal reha hai...

SURJEET said...

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