30 July 2007

कौन क्या कर रहा है

दो लड्के बात कर रहे थे
यार में तो इस डिटर्जेन्ट में
कपडे धोता हू,
दूसरा कहता है
अबे इसमें मत धोयाकर,
ये सफेद कपडो के लिये होता है;
रन्गीन के लिये नही.

दूसरी तरफ
दो लड़किया जा रही थी,
कल मेरी मीटिन्ग है
४ बजे,
तुम कब छूटोगी आफिस से,

किसका क्या काम है
अब ये मायने नही रखता.
रखता तो है
कौन क्या कर रहा है.

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

10 comments:

Udan Tashtari said...

सही तस्वीर. हम तो खुद ही कल गलत डिटरजेन्ट में धो दिये. :)

Anonymous said...

Yatish Bhai
Jiska Jo Kaam Hae Woh Woh Hee Kar Rahaa Hae !!!!!! Aur Sahii Samay Mae Kar Rahaa Hae

SURJEET said...

Don't worry Yatish, the time is not far when boys will do the chores which girls used to do and viceversa. All is flux.

Divine India said...

हर कोई अगर इस तरह की तस्वीर से, जो आपने पेश की है… वह सत्य की रुपरेखा है…।

सुनीता शानू said...

यतिश जी बिल्कुल सही बात एसा ही होता है…आज खुद क्या करना है ये जरूरी नही दूसरा क्या करने वाला है ज्यादा जरूरी बात है…

सुनीता(शानू)

अनूप शुक्ल said...

सही पकड़ा है!

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया पकड़ है आप की।

Anonymous said...

yatish bhai...wah kya observation hai..well done..g

Sharma ,Amit said...

Superb Sir..

Shastri JC Philip said...

आपने अपनी कह दी, हमको समझने के लिये तीन बार पढना पडा. चौथी बार यकीन हो गया कि शायद एक चौथाई समझ गये हैं -- शास्त्री जे सी फिलिप

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
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